लखनऊ न्यूज डेस्क: राज्य सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने के लिए बजट में ऐतिहासिक प्रावधान किया है। वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार इन निकायों को 27 हजार करोड़ रुपये देगी, जो अब तक की सबसे बड़ी राशि होगी। इस फंडिंग में सबसे अधिक हिस्सा ग्राम पंचायतों को मिलेगा, जबकि नगर निगमों को दूसरा स्थान दिया गया है। सरकार की इस योजना का उद्देश्य स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें वित्तीय मजबूती देना है।
निकायों और पंचायतों के लिए बजट में बड़ा इजाफा
बजट प्रावधानों के अनुसार, नगर निगमों के लिए 7,290 करोड़ रुपये, नगर पालिकाओं के लिए 5,670 करोड़ रुपये, और नगर पंचायतों के लिए 3,240 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। वहीं, जिला पंचायतों और ब्लॉक पंचायतों को 1,620-1,620 करोड़ रुपये मिलेंगे। ग्राम पंचायतों के लिए 7,560 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा प्रावधान किया गया है, जो नगर निगमों की राशि से भी अधिक है। यह धनराशि पंचायतों के विकास कार्यों को गति देने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
लगातार बढ़ रही है स्थानीय निकायों की वित्तीय सहायता
पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं को दी जाने वाली राशि में लगातार बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2023-24 में 23,713 करोड़ रुपये का प्रावधान था, जिसे 2024-25 में 24,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। अब 2025-26 के लिए इसमें 3,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। खासतौर पर, ग्राम पंचायतों को 840 करोड़ रुपये और नगर निगमों को 810 करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे। यह बजट वृद्धि पंचायतों और शहरी निकायों को और अधिक प्रभावी और सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।